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UPSC And The Game Of Luck: A detailed and in-depth analysis

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UPSC और भाग्य का खेल यूपीएससी (संघ लोक सेवा आयोग) की परीक्षा भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा में सफलता पाने के लिए उम्मीदवार को न केवल कड़ी मेहनत, समर्पण और बौद्धिक क्षमता की आवश्यकता होती है, बल्कि भाग्य का साथ भी उतना ही जरूरी है। आपने अपनी मेहनत पूरी कर ली, एक-दो साल जमकर पढ़ाई की, प्रारंभिक परीक्षा के दो-दो घंटे के दो पेपर दिए, मुख्य परीक्षा में नौ पेपर दिए, और फिर इंटरव्यू भी दे दिया—लेकिन क्या यह सब आपकी मेहनत का ही नतीजा है? या फिर इसमें भाग्य का खेल भी शामिल है? इस पूरे लेख में हम इस प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से समझेंगे और हर कदम पर यह दिखाएंगे कि कैसे नकारात्मक पहलू और अप्रत्याशित घटनाएँ भाग्य के हाथों में होती हैं, जो आपके परिणाम को बना या बिगाड़ सकती हैं। 1. तैयारी का चरण: मेहनत के साथ भाग्य की परीक्षा यूपीएससी की तैयारी एक लंबी और कठिन प्रक्रिया है। आप एक-दो साल तक दिन-रात पढ़ाई करते हैं, कोचिंग क्लासेस जॉइन करते हैं, किताबें खरीदते हैं, मॉक टेस्ट्स देते हैं, और ऑनलाइन संसाधनों का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या यह मेहनत ही काफी ह...

Ganga River and Spirituality

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Ganga Water and Spirituality मुक्ति या मोक्ष कैसा होता है ये हम इन विभूतियों से सीख सकते हैं इनके गुणों के आधार पर, क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है  पेड़ों में मैं पीपल हूं। हाथियों में ऐरावत हूं। देवों में इंद्र हूं। नदियों में गंगा हूं। रत्नों में मणि हूं। पर्वतों में हिमालय हूं। शास्त्रों में वेद हूं। यहाँ में गंगा नदी का उदाहरण देना चाहूंगा पहले गंगा नदी से जुडी कथा को जान लेना जरूरी है ये रही कथा  { गंगा नदी से जुड़ी कथा बहुत प्रसिद्ध है और हिंदू धर्म में गंगा को एक दिव्य नदी के रूप में पूजा जाता है। गंगा नदी से जुड़ी कथा मुख्य रूप से "गंगावतरण" (गंगा के पृथ्वी पर आगमन) की है, जो महाभारत, रामायण, और विभिन्न पुराणों में वर्णित है। यह कथा भगवान शिव और राजा भगीरथ से संबंधित है। गंगावतरण की कथा 1. गंगा का स्वर्ग से पृथ्वी पर आगमन: गंगा की कथा के अनुसार, गंगा पहले स्वर्ग में थी और वहां वह स्वयंभू देवी के रूप में निवास करती थी। एक समय की बात है, स्वर्ग के देवता और पृथ्वी के लोग गंगा के पवित्र जल से आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने गंगा को पृथ्वी पर ला...

God Hasn't Given Me Anything | What Should I Do

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God Hasn't Given Me Anything | What Should I Do  भगवान ने मुझे कुछ नहीं दिया | मुझे क्या करना चाहिए आप और हम जिस समाज या परिस्थिति में रहते हैं आप हमेशा दूसरों के समाज या परिथिति जो जीने के लिए अपनी पूरी जिंदगी निकाल देते हैं , दूसरों की वस्तु आपको ज्यादा प्रभावित करती है जो आपके पास है वो आपको कुछ समय के लिए प्रभावित करता है उसके बाद उसका प्रभाव धीरे धीरे समाप्त हो जाता है |  इस लेख के जरिये मैं आपको आपकी मांग से परिचित कराऊंगा कि जो आपके पास है जितना है वो आपकी ही मांग होती है लेकिन जैसे ही ये मांग पूरी होती है आप फिर से नई मांग करते जाते हैं और सिलसिला अनंत काल के लिए चलता रहता है  मनुष्य जब पैदा होते हैं या आपको ब्रह्माण्ड में कोई भी सजीव या निर्जीव चीज दिख रही है उसे 100 पॉइंट मिले हुए हैं आपके भाव निर्धारित करते हैं कि आपको इन्हें कैसे भोगना है जैसे कोई व्यक्ति भिखारी है और कोई यहाँ दुनिया का सबसे अमीर आदमी है दोनों ने अपने 100 पॉइंट्स का विभाजन ऐसे किया है कि दोनों की परिस्थिति अलग दिख रही है लेकिन दोनों के पास वही 100 पॉइंट्स हैं , कहने का तात्पर्य है दोनों समान ह...

The Truth Of Dreams And Reality

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The Truth Of Dreams And Reality सपना हर मनुष्य देखता है उस सपने में जो भी आप देख रहे हो जैसे कोई भी वस्तु, या मानव या जीव या पेड़ पौधे या सजीव या निर्जीव या जो आपने वास्तविक दुनिया में नहीं देखा वो भी और उनके साथ व्यवहार कर रहे हो, उसे बनाने वाले आप ही हो  लेकिन जब भी आप सपने की दुनिया में उतरते हो तो आपकी खुद की एक पहचान होती है यानि वास्तविक दुनिया की तरह आप कोई पुरुष हो या महिला ये सब आपको समझ आता है और सपने में आप सभी दूसरी चीजों से अलग होकर उन दूसरी चीजों से व्यवहार करते हो लेकिन ये सत्य है की आपने जो सपने में दुनिया बनाई है उसके रचियता आप हैं लेकिन सपने में अज्ञान होने के कारण आप कभी अपनी स्थिति को दयनीय समझते हो और कभी सपने में खुद को बहुत ताकत वाला समझते हो ,  कभी आप अपने ही द्वारा रचित लोगों से लड़ाई करते हो कभी खुद को उन्हें दुलार करते हुए पाते हो , कभी आप डरे हुए होते हो तो कभी आप दूसरों को डराते हो  लेकिन ये सब खेल चलता है जब तक आप नींद में हो जैसे ही आपकी नींद खुली आप शांत हो जाते हो , फिर आप सोचते हो ये तो एक सपना था लेकिन कभी आपने ये सोचा है कि उस सपने जो दुन...

Self-realization(moksha) is of 4 types

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 Self-realization(moksha) is of 4 types आत्म साक्षात्कार आत्म साक्षात्कार(मोक्ष) 4 प्रकार का होता है 1. आपको आपके ईष्ट (जिसको आपने कई जन्मों में पूजा है या ध्यान किया है जैसे राम , कृष्ण , या कोई ब्रह्म प्राप्त पुरुष) के साक्षात्कार हुए हैं |   25% निर्वाण प्राप्त हो जाता है   2. आपने खुद को अपने ईष्ट (जिसको आपने कई जन्मों में पूजा है या ध्यान किया है जैसे राम , कृष्ण , या कोई ब्रह्म प्राप्त पुरुष) में मिलते हुए महसूस कर लिया है | 60% निर्वाण प्राप्त हो जाता है   3. आपने ब्रह्म का साक्षात्कार कर लिया है | 90% मोक्ष मिल जाता है    4. आप ब्रह्म में मिल गए हो और ब्रह्म ही हो गए हो | 99% मोक्ष मिल जाता है     मोक्ष का मतलब जन्म मरण के चक्र से मुक्ति नहीं होता , मोक्ष का मतलब जन्म मरण के चक्र को जानना होता है चारों ही स्थिति में लोग अपने-अपने प्रतिशत के अनुसार संसार को जान लेते हैं मान के चलिए टोटल रैस्ट का टाइम 100 ख़रब बर्ष है तो (पृथ्वी के समय के अनुसार) Ø पहली स्थिति में आपको 25 ख़रब बर्ष जन्म मरण के चक्र से मुक्त...

Is it the body or the mind that is born?

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Is it the body or the mind that is born? शरीर का जन्म होता है या मन का जन्म होता है आप जिस दिन नया शरीर धारण करते हैं यानी जिस दिन आपका मन स्वप्नरुपी संसार में जन्म लेता है उस दिन आप अपने माता-पिता सहित सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को जन्म देते हो |  ब्रह्माण्ड में जो जानकारी होती है वो आपके द्वारा ही पैदा की हुई होती है और ये जानकारी आपके मन के पिछले स्वप्नरूपी संसार के जन्म से आती है  Other Post link-  Click Here The day you take a new body, that is the day your mind is born in the dream world, on that day you give birth to the entire universe including your parents. The information in the universe is created by you and this information comes from the birth of the previous dream world of your mind.

We Are Neither Born Nor Die

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  We Are Neither Born Nor Die न हमारा जन्म होता है न ही मृत्यु हमारे सामने जो भी जन्म लेते हैं या जिनकी भी मृत्यु होती है वो मात्र भ्रम है हमें इस संसार में बांधे रखने के लिए   सत्य तो ये है कि जैसे ही हमारी मृत्यु होती है (यानि हमारी आँखे खुलती हैं आँख यहाँ जागृति का प्रतीक मात्र है) वैसे ही ये पूरा ब्रह्माण्ड समाप्त हो जाता है आप जिन्हें जानते हो और जिन्हें नहीं भी जानते उन सभी की मृत्यु भी आपके साथ ही हो जाती है जैसे आप सपने में हो तो आपको पूरा संसार दिखता है आपके जानकर लोग भी दिखते है लेकिन जैसे ही आँख खुली सपने के अंदर के सभी जीव-जन्तु , लोग आदि भी मिट जाते हैं उसी प्रकार इस संसार में हमारी तथाकथित मृत्यु होने पर ऐसा होता है   Other Post link-  Click Here तो हमें इस संसार में लोग जन्म लेते क्यों दिखते है या लोगों की मृत्यु होती क्यों दिखती है ? ब्रह्म के सिवा सबकुछ भ्रम ही है तो हमें जिसका जन्म होते दिखता है वो हमारे मन को ख़ुशी के भाव देता है जिससे मन संतुष्ट हो सके कि ये संसार भ्रम नहीं है ये सच्चाई है इसी प्रकार हमें अन्य लोगों की मृत्यु होते दिखती ह...

Social Media And Your Destiny And Brahm

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Social Media And Your Destiny And Brahm  जब आप सोशल मीडिया पर आये थे तो आपको पहली बार क्या दिखाया जायेगा ये आपका भाग्य था उसके बाद सोशल मीडिया पर जो जो करते गए उससे आपका भाग्य बना कि आगे आपको क्या दिखाया जायेगा  जैसे जैसे आपने कर्म किये सोशल मीडिया पर अब आपको वही देखना पड़ता है यदि आप ये समझ गए कि ये फिक्स है जो आपको दिखया जा रहा है वो आपके व्यवहार से बना तो आप ब्रह्म को समझ गए  इसके बाद आप अपनी सर्च हिस्ट्री क्लीन करोगे, और केवल जो आपको देखना है तभी मोबाइल खोलोगे और खुद सर्च करके देखोगे जो जरूरत है इस सर्च से फिर आपके कर्म बनेंगे लेकिन ये आपको पता रहेगा कि आपने जो सर्च किया था उसी को ध्यान में रखकर आपको नया दिखाया जायेगा लेकिन ये आपको पता है इस कारण jo दिखाया जाएगा वो आप नहीं देखोगे क्योंकि उस कर्म की आपको जरूरत नहीं |  जब भी जरूरत होगी आप खुद सर्च करोगे फिर देखोगे फिर आप अपने मालिक बन जाओगे अपने कर्मों के गुलाम नहीं रहोगे , आप मुक्त हो जाओगे  Other Post link-  Click Here When you came on social media, what would be shown to you for the first time was your ...